तकदीर की लकीर



जैसे हाथों द्वारा तकदीर देखते हैं तो क्या देखते हैं? लकीर लम्बी है, बीच-बीच में कट तो नहीं है। ऐसे यहाँ भी ऐसा ही है। अगर सदा श्रेष्ठ कर्म वाले हैं तो तकदीर की लकीर भी लम्बी और सदा के लिए स्पष्ट और श्रेष्ठ है। अगर कभी-कभी श्रेष्ठ, कभी साधारण तो लकीर में भी बीच-बीच में कट होता रहेगा। अविनाशी नहीं होगा। कभी रूकेंगे, कभी आगे चलेंगे, इसीलिए सदा श्रेष्ठ कर्मधारी। बाप ने तकदीर बनाने का साधन दे ही दिया है - श्रेष्ठ कर्म। कितना सहज है तकदीर बनाना। श्रेष्ठ कर्म करो और पदमापदम भाग्यशाली की तकदीर प्राप्त करो। श्रेष्ठ कर्म का आधार है - श्रेष्ठ स्मृति। श्रेष्ठ ते श्रेष्ठ बाप की स्मृति में रहना अर्थात् श्रेष्ठ कर्म होना। 

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