आपका कार्य स्वयं बाप के साथ है
हम आत्माओं को इतना श्रेष्ठ भाग्य मिला है, यह आक्यूपेशन सदा याद रहता है? जैसे लौकिक आक्यूपेशन वाली आत्मा के साथ भी कार्य करने वाले को कितना ऊंचा समझते हैं लेकिन आपका पार्ट, आपका कार्य स्वयं बाप के साथ है। तो कितना श्रेष्ठ पार्ट हो गया। ऐसे समझते हो? पहले तो सिर्फ पुकाराते थे कि थोड़ी घड़ी के लिए दर्शन मिल जाए। यही इच्छा रखते थे ना। अधिकारी बनने की इच्छा वा संकल्प तो सोच भी नहीं सकते थे, असम्भव समझते थे। लेकिन अभी जो असम्भव बात थी वह सम्भव और साकार हो गई।
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