प्रत्यक्षता और सफलता

 बाह्यमुखता के रस बाहर से बड़े आकर्षित करते हैं, इसलिए इसको कैंची लगाओ। यह रस ही सूक्ष्म बंधन बन सफलता की मंजिल से दूर कर देते हैं। प्रशंसा हो जाती लेकिन प्रत्यक्षता और सफलता नहीं हो सकती, इसलिए अब उद्घाटन की तैयारी करो। उद्घाटन की तैयारी करने वाले सदा फूलों के बगीचे में बापदादा द्वारा लगी हुई फुलवाड़ी, फूलों के विशेषता की खुशबू लेने में और उसी खुशबू को सूंघने में सदा तत्पर होंगे अर्थात् उनकी जीवन रूपी थाली में सदा फूल ही फूल होंगे।

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