Shiv darshan है fir srishti चक्र mein

 

आबू शहर शिखर सुन्दर है,दृश्य यहां के सब मनोहर है,राजयोग

 तपस्या घर है,विश्व परिवर्तन हुआ सफल है

ये राज़ भरा दिलवाड़ा की सुंदरता में है।   


आबू की धरती पे फिर से हुआ शिव अवतरण फिर से।

ब्रह्रा तन ही आधार है फिर से,पुरूषोत्तम संगमयुग है फिर से।

कल्प कल्प शिव आते भारत में 



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