निराकार ने भी sakar की महिमा की
[ उपकार,आभार,आग्रह। ।।शुद्ध आचरण,व्यावहार।
ऊंची भावनायें
नम्र निवेदन।
वाणी शुद्ध,भावनायें स्वाभाव शुद्ध,
Aaj मनुष्य मे स्वार्थ ,वो किसी से कुछ लेगा, सीखेगा,लेकिन उन्हें बड़ा नहीं manega।
साकार को महत्व नहीं देगा,कहेगा bhagwaan ने दिया।
अच्छा direct लो fir।
मेहनत तो साकार वालों ने की न
[ तो उनसे इतना सीखे,समय,शक्ति खर्च karai,तो उनका महत्व नहीं
निराकार ने भी sakar की महिमा की
उसे Guru पद दिया,पहला आज्ञाकारी,seekiladha कहा।
उसकी पालना,padai,pratical example से सीखे सब। अपने पैरों पर खड़े हुए सब।
बाप कहे बच्चे मेरे से भी आगे,बच्चे कहे हाँ। तो बड़ो का कर्तव्य क्या है।
Comments
Post a Comment